12 Aug 2025
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भारतीय संस्कृति में तुलसी को धार्मिक और औषधीय दोनों दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. धार्मिक मान्यताओं में यह घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है.
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वहीं आयुर्वेद में तुलसी को अनेक रोगों का अचूक उपचार भी माना गया है. वैज्ञानिक रूप से भी इसके कई लाभ सिद्ध हो चुके हैं.
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हालांकि ज्योतिषविद कहते हैं कि अगर तुलसी गलत दिशा या स्थान पर लगाई जाए तो यह अशुभ प्रभाव भी डाल सकती है.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा में लगाना सबसे शुभ होता है. इन दिशाओं में सूर्य की किरणें आसानी से पहुंचती हैं, इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ता है.
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दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में तुलसी लगाना अशुभ माना जाता है, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है. गलत स्थान या दिशा में रखी तुलसी का प्रभाव विपरीत भी हो सकता है.
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कार्तिक माह तुलसी लगाने के लिए सबसे शुभ है. खासकर एकादशी के दिन इसे लगाने का विशेष महत्व है. वैज्ञानिक दृष्टि से, अक्टूबर-नवंबर का समय पौधे की वृद्धि के लिए अनुकूल माना जाता है.
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तुलसी हमेशा सुबह के समय लगानी चाहिए. साथ ही अमावस्या के दिन तुलसी लगाने से बचना चाहिए. क्योंकि इससे घर में अशांति और नकारात्मकता बढ़ सकती है.
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रोज सुबह तुलसी को जल अर्पित करें और शाम को दीपक जलाएं. पौधे के आस-पास सफाई रखें. रविवार और संक्रांति के दिन तुलसी को जल न चढ़ाएं.
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