इन 2 दिशाओं में मुंह करके कभी न करें भोजन, तबाह हो जाएगी घर की खुशहाली

15 APR 2025

इंसान के जिंदा रहने के लिए भोजन बहुत जरूरी है. इसी से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु में भोजन ग्रहण करने से पहले कुछ खास नियम बताए गए हैं.

1. भोजन ग्रहण करने से पहले ईश्वर से यह प्रार्थना करें कि 'सभी भूखों को भोजन प्राप्त हो.' इसके बाद अन्नदेवता व अन्नपूर्णा माता की स्तुति करके उनका धन्यवाद करना भी न भूलें.

2. खाना खाते समय पूर्व और उत्तर दिशा की ओर मुह करके ही बैठें और भोजन ग्रहण करें. दक्षिण दिशा की ओर किया हुआ भोजन प्रेत को प्राप्त होता है. पश्चिम दिशा की ओर मुंह करने से बीमारियों में वृद्धि होती है.

3. किसी के द्वारा छोड़ा हुआ भोजन या झूठन ना खाएं. इसके अलावा, आधा खाया हुआ फल, मिठाइयां आदि दोबारा ग्रहण नहीं करना चाहिए.

4. अधिक शोर और कलह के माहौल में या पीपल और वटवृक्ष के नीचे भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए.

5. भोजन हमेशा आराम से बैठकर करना चाहिए. खड़े-खड़े, जूते पहनकर या सिर ढंककर भोजन नहीं करना चाहिए.

6. बेड पर बैठकर भोजन ना करें, हाथ पर रखकर या टूटे-फूटे बर्तनों में भोजन नहीं करना चाहिए.

7. द्वेषभाव, दीनभाव, रोग, लोभ, क्रोध, भय और ईर्ष्या के साथ किया हुआ भोजन कभी पचता नहीं है.

8. प्रात: और सायं ही भोजन का विधान है, क्योंकि पाचनक्रिया की जठराग्नि सूर्योदय से 2 घंटे बाद तक एवं सूर्यास्त से 2.30 घंटे तक प्रबल रहती है.