23 MAR 2025
aajtak.in
वास्तु शास्त्र में ऊर्जा और दिशाओं का विशेष महत्व होता है. वास्तु में हर कार्य के लिए शुभ दिशाओं की जानकारी दी गई है.
वास्तु में भोजन करने की भी दिशा से जुड़े कुछ खास नियम बताए गए हैं. और खाना खाते समय दिशाओं का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, भोजन हमेशा उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में ही बैठकर करना चाहिए. बल्कि, भोजन कभी भी दक्षिण दिशा में बैठकर नहीं करना चाहिए.
वास्तु के अनुसार, भोजन का सेवन बिस्तर पर बैठकर नहीं करना चाहिए. इसके बजाय, हमेशा जमीन पर आसन लगाकर बैठकर भोजन करना शुभ और लाभदायक माना जाता है.
इसके अलावा, भोजन को कभी भी टूटे-फूटे बर्तनों में नहीं परोसना चाहिए. साथ ही, भोजन परोसते समय हमेशा दोनों हाथों का उपयोग करना चाहिए.
भोजन हमेशा साफ स्थान पर ही करना चाहिए. भोजन उतना ही लें जितना आप आसानी से खा सकें. बचा हुआ या झूठा भोजन छोड़ना माता अन्नपूर्णा का अपमान माना जाता है, जिससे घर की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
भोजन करते समय जूते नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि इसे भोजन का अपमान माना जाता है. ऐसा करने से घर में धन की कमी हो सकती है.
स्नान किए बिना भोजन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी और अन्नपूर्णा देवी अप्रसन्न हो जाती हैं.