3 aug 2025
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दीया जलाना हमारे घरों में खुशियों और शांति का प्रतीक माना जाता है. दीपक की ज्योति न केवल वातावरण को रोशन करती है, बल्कि हमारे मन में सकारात्मकता लाती है.
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लेकिन क्या आपको पता है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीया जलाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तेल का भी हमारी ऊर्जा पर खास असर पड़ता है.
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चलिए जानते हैं उन तेल के बारे में जो दीया जलाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं और उनको जलाने से क्या लाभ मिलते हैं.
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घर में घी का दीपक जलाना बहुत ही पवित्र माना जाता है. भारतीय ग्रंथों के अनुसार, घी को शुद्धता और ऊर्जा का स्रोत माना गया है. कहा जाता है कि घी की लौ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और घर में सकारात्मकता लेकर आती है.
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महुआ तेल खासतौर पर आदिवासी संस्कृति में भगवान की कृपा का प्रतीक माना जाता है. महुआ के दीपक की रोशनी पंच तत्वों को भी संतुलित करती है. त्योहारों और पूजा में इसका विशेष महत्व होता है.
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तिल के तेल का इस्तेमाल अनेक धार्मिक अनुष्ठानों में होता है. यह शरीर और मन से नकारात्मक ऊर्जा को निकालकर सकारात्मक ऊर्जा लाती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, तिल के तेल का दीया हर शनिवार शमी के पेड़ के नीचे जलाना चाहिए.
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, सरसों के तेल का दीपक जलाना बहुत ही अच्छा माना जाता है. कहते हैं कि रोजाना सरसों के तेल का दीया मुख्य द्वार पर जरूर प्रज्वलित करना चाहिए.
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दक्षिण भारत में खासतौर से नारियल के तेल का उपयोग किया जाता है. यह तेल शुद्धता और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है.
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