7 July 2025
aajtak.in
खाना सिर्फ भूख मिटाने का तरीका नहीं है,यह शरीर, मन और आत्मा तीनों को ऊर्जा देने का माध्यम है. वास्तु शास्त्र भी इसी बात पर जोर देता है कि भोजन का प्रभाव केवल शारीरिक नहीं, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी होता है.
वास्तु के अनुसार भोजन करते समय न सिर्फ खाने की चीजें बल्कि बैठने की जगह, दिशा और माहौल भी बहुत मायने रखता है. आइए जानें घर की उन दिशाओं के बारे में जहां पर बैठकर खाना खाने से सेहत और सुख-शांति दोनों बिगड़ सकती है और पैसों का भी नुकसान होता है.
बिस्तर सोने और आराम करने का स्थान है, माना जाता है कि अगर बिस्तर पर खाना खाया जाए तो शरीर और मन दोनों पर गलत असर पड़ता है. वास्तु के अनुसार इससे मानसिक थकावट,आलस्य और सेहत में गिरावट आ सकती है.
इन जगहों को अपवित्र माना जाता है. अगर आप इनके पास बैठकर खाते हैं तो नकारात्मक ऊर्जा शरीर में जाती है. इससे पाचन गड़बड़, मानसिक असंतुलन और दुर्भाग्य तक आ सकता है.
ऐसी मान्यता है कि बाहर की ऊर्जा घर के मुख्य दरवाजे से ही अंदर आती है. वहां बैठकर खाना मन और ध्यान दोनों को भटका देता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऐसे स्थान पर भोजन करने से घर की शांति भंग हो सकती है.
ये आधुनिक आदतें न सिर्फ सेहत के लिए खराब हैं,बल्कि वास्तु के अनुसार भी भोजन के प्रति सम्मान की कमी दर्शाती हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से मन विचलित रहता है.पाचन गड़बड़ होता है, और भोजन का असर शरीर पर सही नहीं पड़ता है.
झाड़ू, पोछे या सफाई से जुड़े सामान के पास बैठकर कभी भोजन नहीं करना चाहिए.वास्तु शास्त्र के अनुसार ये स्थान दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा के प्रतीक होते हैं. ऐसे स्थानों के पास खाना न केवल भोजन का अपमान है, बल्कि घर की सकारात्मक ऊर्जा को भी कमज़ोर कर सकता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करते समय पूर्व (East) या उत्तर (North) दिशा की ओर मुख करना सबसे शुभ माना जाता है. इन दिशाओं को सूर्य ऊर्जा और शुद्धता से जोड़कर देखा जाता है. ऐसा करने से न केवल पाचन क्रिया बेहतर होती है, बल्कि शरीर और मन दोनों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है.