26 Apr 2025
Aajtak.in
वैशाख माह की अमावस्या तिथि का सनातन धर्म में अत्यंत विशेष महत्व है. इस वर्ष यह तिथि 27 अप्रैल को पड़ रही है. अमावस्या तिथि को पितरों को समर्पित माना गया है.
इस दिन श्रद्धापूर्वक तर्पण, पिंडदान और अन्य श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. मान्यता है कि वैशाख अमावस्या पर किए गए विशेष उपायों से कुंडली का पितृ दोष दूर होता है और जीवन में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं.
गरुड़ पुराण के अनुसार, अमावस्या पर तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन कौन-कौन से उपाय लाभकारी माने गए हैं.
पीपल के वृक्ष के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं और वृक्ष की 11 बार परिक्रमा करें. इसके साथ ही, घर की दक्षिण दिशा में एक मुट्ठी तिल को सरसों के तेल में डालकर रखें. ज्योतिष शास्त्र में दक्षिण दिशा को पितृ दिशा कहा गया है. यह उपाय पितरों की प्रसन्नता और आशीर्वाद पाने में सहायक माना जाता है.
लाल कपड़े में अलसी के बीज बांधकर, कलावे से अच्छी तरह लपेटते हुए एक पोटली बनाएं. इस पोटली को किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह उपाय धन वृद्धि और आर्थिक स्थिति के सुधार में सहायक होता है.
अमावस्या के दिन गाय की पूजा अवश्य करनी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गाय को हरा चारा खिलाना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
वैशाख अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, दक्षिणा, तांबा, काले तिल या कंबल का दान करना अत्यंत पुण्यकारी होता है. कहा जाता है कि दान से पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार को सुख-शांति व समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.