21 Apr 2025
Aajtak.in
सनातन धर्म में अमावस्या तिथि पितरों को प्रसन्न करने के लिए उत्तम मानी जाती है. यह दिन पितरों की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है.
मान्यता के अनुसार, वैशाख अमावस्या तिथि पर पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल को मनाई जाएगी.
ऐसा कहा जता है कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृदोष है, तो उन्हें वैशाख अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय जरूर करने चाहिए. इन उपायों को करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृदोष से छुटकारा मिलता है.
ऐसे में आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या के उपायों के बारे में.
सुबह स्नान करते समय जल में गंगाजल मिलाएं. फिर जल में काले तिल डालकर सूर्य देव को अर्घ्य दें. इससे पितृ दोष शांत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं और पितरों की शांति के लिए प्रार्थना करें. मान्यता है कि पीपल में पितृों का वास होता है और इस उपाय से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं.
गरीबों को अन्न, वस्त्र, दक्षिणा और अन्य उपयोगी वस्तुओं का दान करें. दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
इस दिन पवित्र नदी या तीर्थ स्थल पर जाकर पितरों के लिए पिंडदान और तर्पण करना अत्यंत शुभ होता है. इसके साथ ही कौवों और कुत्तों को भोजन कराना भी तर्पण का भाग माना जाता है.