5 May 2025
aajtak.in
वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज के पास हर कोई अपनी परेशानी लेकर आता है और महाराज जी हर व्यक्ति को उनकी समस्या का हल भी बताते हैं.
हाल ही में प्रेमानंद महाराज के पास एक महिला अपनी समस्या लेकर पहुंची. उसने पूछा कि, 'जब जीवन का अंतिम समय आ जाता है तो क्या हमें कुछ घंटे या कुछ दिनों पहले संकेत मिलने लगते हैं.'
इस पर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर देते हुए कहा कि, 'अंतिम समय के बारे में महात्माओं को पता चलता है, निरंतर भजन करते रहते हैं उनको ही संकेत मिलता है.'
'उनको पता चल जाता है कि आज हमारा शरीर पूरा हो जाएगा. लेकिन सबको नहीं पता चलता है और आजकल तो लोग नाचते नाचते ही मर जाते हैं. कुछ लोग खाते खाते मर जाते हैं.'
'अपनी मृत्यु का सिर्फ सिद्धपुरुषों को ही पता होता है, जो भगवान का भजन करते हैं और जिनकी आत्मा निरंतर परमात्मा से जुड़ी होती है.'
आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'मृत्यु का आभास केवल सिद्धपुरुषों को ही होता है और जो ईश्वर का भजन कीर्तन करते हैं.'
'साधारण मनुष्य तो पशुओं की तरह मर जाते हैं और पशुओं की तरह ही उनका जन्म होता है और वे पशुओं की भांति ही आचरण करते हैं.'
'जो मनुष्य रूप में जन्मे और जिन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान के चिंतन में व्यतीत किया, ऐसे ही सिद्ध लोगों को अपने अंतिम दिनों का संकेत मिल जाता है.'