20 Dec 2024
aajtak.in
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का समय बेहद शुभ माना जाता है. ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ होता है भगवान का समय. ब्रह्म मूहूर्त को अक्षय मुहूर्त के नाम से भी जाना जाता है.
वृंदावन मथुरा के बाबा और उपदेशक प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि हर साधक को ब्रह्म मुहूर्त में ही उठना चाहिए, ऐसा करना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है.
प्रेमानंद जी महाराज के मुताबिक, 'ब्रह्म मुहूर्त में उठने का समय 4 बजे का होता है और इस मुहूर्त में उठने से शरीर को कोई बीमारी नहीं लगती है. '
' सुबह 4 बजे से 6 बजे का समय बहुत शक्तिशाली होता है और इस समय भगवान का भजन करना बहुत ही अच्छा है. '
आगे प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, ' अगर ब्रह्म मुहूर्त में कोई व्यक्ति निद्रा में है तो वह ब्रह्मचर्य से हीन और कई तरह की मानसिक बीमारियों का शिकार होता है. '
' ब्रह्म मुहूर्त में उठते ही सबसे पहले ईश्वर का या गुरुजनों का स्मरण करना चाहिए. और गुरुमंत्र का जप करना चाहिए. फिर स्नानादि करके श्रीजी की मंगल आरती करें. '
फिर प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि, ' सुबह का समय मंगल वेला होती है और उस समय किसी को भी शयन नहीं करना चाहिए.'
' ब्रह्म मुहूर्त में उठने की ये आदत व्यक्ति को सफलता की राह पर ले जाती है. ब्रह्म मुहूर्त में 'राधे राधे' का नाम जप जरूर करें या आप चाहें तो 'ऊं कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने' का भी जप कर सकते है.'