By: Aaj TAK

हनुमान ही नहीं, इन 7 चिरंजीवियों को भी मिला था अमर रहने का वरदान


चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती का त्योहार मनाया जाता है. इस बार हनुमान जयंती गुरुवार, 6 अप्रैल को मनाई जाएगी.


सनातन धर्म में महावीर हनुमान को चिरंजीवी यानी अजर अमर कहा गया है. कहते हैं कि वीर बजरंगी आज भी सशरीर धरती पर मौजूद हैं.


लेकिन क्या आप जानते हैं कि हनुमान के अलावा सात और भी ऐसे चिरंजीवी हैं, जिन्हें हिंदू पौराणिक कथाओं में अमर माना गया है.


परशुराम विष्णु का छठा अवतार है. इन्हें अमरत्व का वरदान प्राप्त है. इनका जन्म वैशाख शुक्ल तृतीया को हुआ था, जिसे अक्षय तृतीया कहते हैं.

परशुराम जी


रावण के छोटे भाई विभीषण को भी अमरत्व का वरदान प्राप्त था. राम ने विभीषण को लंका नरेश बनाने के साथ अमर रहने का वरदान दिया था.

विभीषण


दैत्यराज बलि को विष्णु जी से पाताल लोक में सदा अमर रहने का वरदान मिला था. उन्हें ये वरदान पृथ्वी और स्वर्ग देने के बदले में मिला था.

राजा बलि


ऋषि मार्कण्डेय शिवजी के परम भक्त थे. इन्होंने शिवजी को तप कर प्रसन्न किया और महामृत्युंजय मंत्र सिद्धि के कारण चिरंजीवी बन गए.

ऋषि मार्कण्डेय


वेद व्यास ने श्रीमदभगवद् महापुराण समेत कई धार्मिक ग्रंथों की रचना की थी. उन्हें कलिकाल के अंत तक जीवित रहने का वरदान मिला था.

महर्षि वेद व्यास


अश्वत्थामा एक श्राप की वजह से अमर हो गए थे. भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अनंत काल तक धरती पर भटकने का श्राप दे दिया था.

अश्वत्थामा


कृपाचार्य उन तपस्वियों में से एक थे, जिन्होंने कृष्ण का विराट स्वरूप देखा था. उन्हें उनके सुकर्मों के चलते अमरत्व का वरदान मिला था.

कृपाचार्य


राम जब अयोध्या छोड़ बैकुण्ठ जाने लगे, तब हनुमान ने उनसे पृथ्वी पर रहने की विनती की. तब राम ने उन्हें अमर रहने का वरदान दिया था.

हनुमान जी