सोमवती अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. माना जाता है कि अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है.
चैत्र अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या या सोमवती अमावस्या कहा जाता है.
8 अप्रैल, सोमवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो कि भारत में दृश्यमान नहीं होगा. इसलिए, सूर्य ग्रहण का प्रभाव अमावस्या पर नहीं पड़ेगा.
इस साल चैत्र अमावस्या 8 अप्रैल को रहेगी. इस बार अमावस्या की तिथि 8 अप्रैल को सुबह 3:21 मिनट पर शुरू हो जाएगी और समापन रात 11:50 मिनट पर हो जाएगा.
सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल, सोमवार को रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू हो जाएगा और इसका समापन 9 अप्रैल को रात 1 बजकर 20 मिनट पर होगा.
यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. कनाडा, उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको में दिखाई देगा. इसके अलावा कोस्टा रिका, क्यूबा, डोमिनिका, फ्रेंच पोलिनेशिया, जमैका में ये ग्रहण दिखेगा.
चैत्र अमावस्या के दिन दान धर्म का कार्य जरूर करना चाहिए. साथ ही इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण जरूर करना चाहिए.
इस साल का सूर्यग्रहण मीन राशि में लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण दर्शनीय ना हो तब भी इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है. इस दौरान कुछ राशियों को सर्वाधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है. लेकिन, अमावस्या के दिन स्नान दान किया जा सकता है.