10 Aug 2025
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इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यता है कि भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था.
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भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, इस दिन श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा होती है. इस बार जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग बन रहा है. आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
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इस बार जन्माष्टमी की पूजा का शुभ समय 16-17 अगस्त की मध्यरात्रि 12:04 बजे से 12:47 बजे तक रहेगा. मध्यरात्रि का क्षण 16-17 अगस्त की रात 12:25 बजे तक रहेगा. चंद्रोदय: 16 अगस्त, रात 11:32 बजे होगा.
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व्रत रखने वाले भक्त अगले दिन यानी 17 अगस्त की सुबह 05:51 बजे व्रत का पारण कर सकते हैं.
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जन्माष्टमी की मध्यरात्रि के क्षण को अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसी समय कान्हा का जन्म हुआ था. इस पावन अवसर पर मंदिरों में भव्य सजावट और झांकियों का आयोजन होता है.
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इस दिन देश में जगह-जगह पर दही- हांडी का आयोजन किया जाता है. ये कृष्ण के बचपन की लीलाओं का प्रतीक माना जाता है.
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शनि का अंक 8 है और भगवान कृष्ण का जन्म भी अष्टमी तिथि या आठ तारीख को ही हुआ था.
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ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कृष्ण जन्माष्टमी पर व्रत रखता है तो उसे शनि देव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है.
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