पितृपक्ष में पूर्वजों को याद करके दान धर्म करने की परंपरा चली आ रही है.
पितृपक्ष आज यानी 20 सितंबर से शुरू होकर 6 अक्टूबर को समाप्त होंगे.
श्राद्ध के 15 दिनों में आप पितरों का तर्पण कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं.
माना जाता है कि श्राद्ध में पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है.
इन दिनों आप गाय, कुत्ते और कौवे को लगातार भोजन जरूर दें. ऐसा करने से भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
पितृपक्ष में दान का बड़ा महत्व है. इससे कार्यों में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं.
इस दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए.
पितृपक्ष में अगर कोई भी आपसे खाना या पानी मांगने आए तो उसे कभी भी खाली हाथ ना लौटाएं.
मान्यता है कि हमारे पितर यानी पूर्वज अन्न-जल के लिए किसी भी रूप में हमारे बीच आ सकते हैं.
इस दौरान जानवरों की सेवा करनी चाहिए. उन्हें भोजन कराएं और पानी पिलाएं.
पितृपक्ष के दौरान सात्विक भोजन करें. मांस-मदिरा आदि के सेवन से बचें.
ब्रह्मचर्य का पालन करें. इन दिनों आपका पूरा ध्यान सिर्फ पूर्वजों की सेवा में होना चाहिए.
श्राद्ध पक्ष में कोई भी नया काम शुरू नहीं करना चाहिए. इसके अलावा कोई नया समान भी इस समय खरीदने से बचें.