तीर्थयात्रा के दौरान क्या पीरियड्स में महिलाओं को दर्शन करने चाहिए? प्रेमानंद महाराज दिया ये जवाब

7 april 2025

aajtak.in

हम हमेशा अपने बड़े बुजुर्गों या पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं कि माहवारी, मासिक धर्म या पीरियड्स के दौरान महिलाओं मंदिर में नहीं जाना चाहिए.

ऐसा माना जाता है कि महिलाएं माहवारी या मासिक धर्म के दौरान अपवित्र और अशुद्ध हो जाती हैं जिसके कारण उनका मंदिर में प्रवेश निषेध है.

हाल ही में एक महिला ने वृंदावन-मथुरा के प्रेमानंद महाराज से प्रश्न किया कि, 'बहुत सारी महिलाओं को तीर्थ यात्रा के दौरान मासिक धर्म हो जाता है तो क्या उस अवस्था में दर्शन किए जा सकते हैं.'

प्रेमानंद महाराज ने उत्तर दिया कि, ' भगवान के दर्शन करने का सौभाग्य तो किसी को नहीं छोड़ना चाहिए बल्कि सबको करना चाहिए.' 

'मासिक धर्म तो शरीर की एक प्रक्रिया है जो प्रत्येक माताओं और बहनों के शरीर में हर महीने में एक बार आती है.'

आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, ' तीर्थयात्रा के समय अगर अचानक से किसी महिला को मासिक धर्म आ जाए तो ऐसे में स्नान करके और भगवत चंदन अपने ऊपर छिड़क करके भगवत दर्शन कर लेना चाहिए.'

'लेकिन दर्शन दूर से ही करने चाहिए और ऐसी स्थिति में न वहां किसी को सेवा सामग्री देनी चाहिए और न कुछ स्पर्श करना चाहिए.'

फिर प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, ' मासिक धर्म कोई निंदनीय बात नहीं है बल्कि यह तो एक बंधन वाली बात है.'

'मासिक धर्म से जुड़ी एक कथा के अनुसार सभी माताओं ने त्रिभुवनपति यानी देवराज इंद्र द्वारा ब्रह्म हत्या को अपने ऊपर लिया था इसलिए महिलाओं को मासिक धर्म मिला है. और न ही महिलाओं ने कोई अपराध नहीं किया है.'

आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, ' महिलाएं अगर इतनी मेहनत करके और अपने शरीर को समस्या देकर किसी धाम के दर्शन करने जा रही हैं तो दर्शन करने का सौभाग्य उन्हें जरूर मिलना चाहिए.'