16 June 2025
aajtak.in
जब भी परिवार या रिश्तेदारी में किसी की मृत्यु हो जाती है तो उस मृत व्यक्ति के नाम का भोजन करवाया जाता है, उसी को मृत्युभोज कहते हैं.
लेकिन, अक्सर लोग उस मृत्युभोज को प्रसाद समझकर ग्रहण कर लेते हैं. लेकिन क्या हमें मृत्युभोज खाना चाहिए और उसे खाना कोई अपराध होता है. चलिए जानते हैं.
इसी प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा कि, 'मृत्युभोज खाना कोई अपराध नहीं है और न उसे खाने से पुण्य नष्ट होते हैं.'
'अगर आप किसी पापी व्यक्ति के मृत्युभोज में जाएंगे तो उसका पाप नहीं लगेगा और अगर आप उस समय नाम-जप करते रहेंगे तो ओर भी अच्छा होगा.'
'कोई वैष्णव व्यक्ति नाम जप करते हुए मृत्युभोज में जाकर भोजन करे तो उसके पुण्य ओर भी ज्यादा बढ़ जाएंगे.'
प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि, 'मृत्युभोज को ग्रहण करना कोई अपराध नहीं है. बल्कि, अपराध तो जीव के मांस को खाना है या किसी का हिस्सा चुरा लेना है.'
'अगर किसी भक्त का मृत्युभोज है तो वहां जरूर जाना चाहिए और पुण्य की प्राप्ति करनी चाहिए. ऐसा करने से जीवन कुशल-मंगल रहता है.'
'लेकिन, अगर किसी पापी व्यक्ति का मृत्युभोज है तो उससे बचने की कोशिश करें और जा भी रहे हैं तो नाम जप करते रहें.'