13 Aug 2025
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मथुरा-वृंदावन के जाने माने प्रेमानंद महाराज एक ऐसे गुरु हैं जो आज के समय में लोगों के दिलों को सीधे छू रहे हैं. वे आध्यात्मिकता की गहराइयों में जाकर इंसान को सच्ची शांति और खुशी पाने का रास्ता दिखाते हैं.
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वहीं, प्रेमानंद महाराज के पास एक व्यक्ति भक्ति से जुड़ा सवाल लेकर पहुंचा और उसने महाराज जी से प्रश्न किया कि कई लोग जब भी कहीं जाते हैं तो गोपाल जी को अपने साथ ले जाते हैं, उन्हें अपने साथ रखना चाहते हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या यह सही है.
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इस पर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर देते हुए कहा कि, 'अगर गोपाल जी को साथ लेकर जाना है तो उनकी पूरी देखभाल करनी चाहिए.'
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'जैसे हम अपने बच्चे को लेकर कहीं जाते हैं तो उसका खाना-पानी, उसकी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं. ठीक वैसे ही गोपाल जी की भी पूजा और भोग की व्यवस्था होनी चाहिए'
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'उन्हें पानी देना, भोग लगाना, उनकी साफ-सफाई करना आवश्यक होता है. सिर्फ यूं ही अपने हाथों में गोपाल जी को लेकर घूमना सही नहीं है, क्योंकि यह उनकी पवित्रता को बनाए रखना जरूरी है.'
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आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'गोपाल जी भगवान हैं, उनकी मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए. उन्हें खिलौना समझकर इधर-उधर ले जाना उचित नहीं है.'
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'अगर उन्हें घर में रखा है, तब भी उनकी भोग-पानी की व्यवस्था होनी चाहिए. भगवान का आदर और सम्मान करना हमारा धर्म है, इसलिए उनके साथ भाव से पेश आना चाहिए.'
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'इसलिए, गोपाल जी को साथ लेकर जाना सही तब माना जाएगा जब हम उनकी देखभाल सही तरीके से करें. सिर्फ एक नज़रों के लिए साथ लेकर जाना या यूं ही उनको झूठे हाथों में देना भगवान की मर्यादा के खिलाफ होता है.'
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