मृत लोगों की पूजा करनी चाहिए या नहीं, प्रेमानंद महाराज ने दिया ये जवाब

1 July 2025

aajtak.in

वृंदावन के जाने माने प्रेमानंद महाराज  हर व्यक्ति की समस्या सुनकर उसका हल बताते हैं.

एक व्यक्ति भी प्रेमानंद महाराज के पहुंचा जिसने ये सवाल किया कि, 'हमारे क्षेत्र में अधिकतर परिवार ईष्ट पूजा से अधिक पितृ पूजन पर जोर देते हैं और जिसकी मृत्यु हो जाती है उसकी आत्मा का आह्वान करके उसकी धातु की मूर्ति स्थापित कर देते हैं.'

इस पर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर दिया कि, 'जरा भी वक्त नहीं लगता है. शरीर छुटते ही आत्मा को नर्क या स्वर्ग के अनुसार अन्य योनियों में भेज दिया जाता है.'

'वह आत्मा खाली थोड़ी बैठगी कि चाहो तब बुला लो. मृत्यु के तुरंत बाद कर्मों के अनुसार निर्णय हो जाता है कि आत्मा किस योनि में जाएगी.'

'इसके तुरंत बाद आत्मा को नर्क या स्वर्ग में भेजा में जाता है. आत्मा स्वतंत्र नहीं होती है बल्कि भगवान के अनुसार उसकी हर चीज निर्धारित होती है.'

आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'लेकिन जो पितृजन पितृलोक में विराजमान है उनकी आत्मा की शांति और पितृ ऋण से मुक्ति के लिए पिंडदान जरूर किया जाता है.'

'ऐसा नहीं होता है की कोई विपत्ति आ जाए तो पितृ नाराज हो गए. बल्कि, कर्म का परिणाम आता है पितृ की नाराजगी नहीं आती है.'

'भगवान ने कहा कि पितृ को पूजने वाले पितरों को प्राप्त होते है, भूतों को पूजने वाले भूतों को प्राप्त होते है, देवताओं को पूजने वाले देवताओं को प्राप्त होते हैं.'