8 Oct 2024
AajTak.In
इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक रहने वाले हैं. इस बार अष्टमी तिथि गुरुवार, 10 अक्टूबर को है.
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ज्योतिषविदों का कहना है कि अष्टमी तिथि के दिन कुछ खास गलतियां करने से बचना चाहिए. अन्यथा व्रत-उपासना का फल नहीं मिलता है.
महाष्टमी पर भोज के लिए आने वाली कन्याओं की उम्र 2 से 10 वर्ष होनी चाहिए. साथ ही, कन्या पूजन में बैठने वाली कन्याओं की संख्या 9 होनी चाहिए.
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महा अष्टमी पर कन्या पूजन से एक दिन पहले इन कन्याओं को घर आने का निमंत्रण देना चाहिए. इसके बाद ही कन्या भोज की तैयारी शुरू करनी चाहिए.
कन्या पूजन में 9 कन्याओं के अलावा एक बटुक भी बैठाना चाहिए. कन्याओं के साथ बैठने वाले इस बालक को बटुक या भैरव का रूप भी माना जाता है.
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महाष्टमी पर घर आने वाली कन्याओं और बटुक को बैठाने से पहले दिशा का भी ख्याल रखें. इन्हें पूर्व दिशा की तरफ मुंह कराके ही बैठाएं.
कन्या पूजन के बाद कन्याओं और बटुक को दक्षिणा जरूर दें. दान-दक्षिणा आप चाहें तो इन्हें कोई जरूरत का सामान भी दे सकते हैं.
महाष्टमी पर कन्या पूजन के 2 मुहूर्त हैं. आप 4:40 से 5:29 तक ब्रह्म मुहूर्त और 11:43 से 12:30 तक अभिजीत मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं.
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