22 Aug 2025
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हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है. जब यह तिथि शनिवार को पड़ती है, तो इसे शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है.
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यह दिन शनिदेव की उपासना और विशेष उपायों के लिए बेहद शुभ माना जाता है. 23 अगस्त 2025, यानी कल साल 2025 की आखिरी शनि अमावस्या है.
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मान्यता है कि इस दिन किए गए विशेष उपायों से शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के कष्ट कम होते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शमी का पौधा शनिदेव को अति प्रिय है. शमी के पौधे के पूजन से शनि देव प्रसन्न होते हैं और दुख-दरिद्रता दूर होती है.
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शास्त्रों के अनुसार, शनि अमावस्या पर शमी के पौधे से जुड़े कुछ खास उपायों को करना बेहद शुभ होता है.
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शनि अमावस्या की रात में शमी के पौधे के पास सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं. दीपक में काली उड़द की दाल और एक लौंग अवश्य डालें. मान्यता है कि इससे शनि दोष कम होता है और घर में सुख-शांति आती है.
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इस दिन शमी के 7 पत्ते लेकर शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर के आगे चढ़ाएं. साथ ही “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें. ऐसा करने से शनि प्रसन्न होकर सारे कष्ट दूर करते हैं.
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यदि करियर में बाधा आ रही है, तो इस दिन उत्तर-पूर्व दिशा में शमी का पौधा लगाएं. पौधे की जड़ में तांबे के लोटे से रोली मिला हुआ जल चढ़ाएं.
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शनि अमावस्या की रात शमी के पौधे की मिट्टी में एक पीली सुपारी और एक चांदी का टुकड़ा दबा दें. मान्यता है कि इससे आय के स्रोत खुलते हैं और आर्थिक तंगी दूर होती है.
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