23 Aug 2025
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हिंदू धर्म में शनि अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या को एक दुर्लभ और शक्तिशाली संयोग माना जाता है. आज साल की आखिरी शनि अमावस्या है.
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ऐसी मान्यता है कि अमावस्या को किए गए पूजा-पाठ और उपाय तुरंत फल देते हैं और जीवन में आ रही बाधाओं को दूर कर सकते हैं.
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शनि अमावस्या पर संध्याकाल या रात्रिकाल में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है.
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माना जाता है कि पीपल में देवताओं का वास होता है और यहां दीपक जलाने शनि की कृपा होती है. पीपल के नीचे दीपक जलाते वक्त “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें.
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इस दिन काले तिल, सरसों का तेल और काले वस्त्र का दान करना अत्यंत फलदायी माना गया है. ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं, पितृ दोष शांत होता है और जीवन की परेशानियां कम होने लगती हैं.
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शनिदेव हनुमान भक्तों को कष्ट नहीं देते हैं. इसलिए शनि अमावस्या की रात हनुमान चालीसा का पाठ करने से लाभ होता है. शनि के नकारात्मक प्रभाव बेअसर हो जाते हैं.
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साल की आखिरी शनि अमावस्या पर शाम या रात के समय काले कुत्ते या कौवे को सरसों के तेल में चुपड़ी रोटी खिलाएं. शनि की महादशा से मुक्ति मिलेगी.
इस दिन “ॐ शं शनैश्चराय नमः” और “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करने से रुके हुए काम पूरे होते हैं.
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