22 July 2025
Credit: AI Generated
सावन शिवरात्रि शिव भक्तों के लिए बहुत ही खास दिन माना जाता है. पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण मास की शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है.
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इस बार सावन की शिवरात्रि का व्रत 23 जुलाई यानी कल रखा जाएगा. इस दिन शिव भक्तों के लिए सबसे खास होता है. हालांकि इस बर शिवरात्रि पर भद्रा का साया भी रहेगा. ऐसे श्रद्धालु जलाभिषेक और पूजा के मुहूर्त को लेकर बहुत चिंतित हैं.
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तो चलिए जानते हैं कि सावन शिवरात्रि पर भद्राकाल का क्या मामला है और भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त क्या रहने वाला है.
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सावन शिवरात्रि के दिन भद्रा सुबह 5:37 मिनट से लेकर दोपहर 3:31 मिनट तक रहेगी. हालांकि, भद्रा स्वर्गलोक में निवास करेगी जिसका प्रभाव पृथ्वी लोक पर नहीं पड़ेगा.
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शिवरात्रि पर जलाभिषेक का पहला मुहूर्त सुबह 4:15 बजे से लेकर सुबह 4:56 बजे तक रहेगा और जलाभिषेक का मुहूर्त सुबह 8:32 बजे से लेकर सुबह 10:02 बजे तक रहेगा.
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शिवरात्रि पर चार पहर की पूजा का भी विशेष महत्व है. इस साल शिवरात्रि पर प्रथम प्रहर- शाम 6.59 बजे से रात 9.36 बजे तक और दूसरा प्रहर रात 9.36 बजे से रात 12.13 बजे तक रहेगा.
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तीसरे प्रहर की पूजा रात 12:13 बजे से रात 02:50 बजे के बीच होगी. जबकि चौथा प्रहर रात 02:50 बजे से लेकर सुबह 5:27 बजे तक रहेगा.
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सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और सावन की शिवरात्रि को मनोकामना पूर्ति के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है.
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इस दिन लोग जलाभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं, जहां शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित किया जाता है. इसके अलावा शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और रुद्राक्ष भी अर्पित करते हैं.
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