21 July 2025
Credit: AI Generated
देवों के देव महादेव के सबसे खास महीने सावन की शुरुआत हो चुकी है. कहते हैं कि इस महीने में अगर भगवान शिव की पूरी श्रद्धा से उपासना की जाए तो हर इच्छा पूरी होती है.
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पंचांग के अनुसार, 23 जुलाई को सावन का सबसे खास दिन मनाया जाएगा, जो कि सावन शिवरात्रि है. यह दिन बहुत ही विशेष माना जाता है.
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चलिए जानते हैं कि सावन शिवरात्रि पर भद्रा कितने बजे लगेगी और भोलेनाथ के जलाभिषेक का क्या मुहूर्त रहेगा. साथ ही जानेंगे कि क्या रहेगी पूजन विधि.
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हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की शिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 4:39 मिनट से होगी और समापन 24 जुलाई को सुबह 2:28 मिनट पर होगा.
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सावन शिवरात्रि के दिन भद्रा सुबह 5:37 मिनट से लेकर दोपहर 3:31 मिनट तक रहेगी. हालांकि, भद्रा स्वर्गलोक में निवास करेगी जिसका प्रभाव पृथ्वी लोक पर नहीं पड़ेगा.
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प्रथम प्रहर- शाम 6:59 मिनट से रात 9:36 मिनट तक, दूसरा प्रहर रात 9:36 मिनट से रात 12:13 मिनट तक, तीसरा प्रहर रात 12:13 मिनट से रात 2:50 मिनट तक और चौथा प्रहर रात 2:50 मिनट से सुबह 5:27 मिनट तक रहेगा.
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पहला मुहूर्त सुबह 4:15 मिनट से लेकर सुबह 4:56 मिनट तक रहेगा और जलाभिषेक का मुहूर्त सुबह 8:32 मिनट से लेकर सुबह 10:02 मिनट तक रहेगा.
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शिवपुराण के मुताबिक, सावन शिवरात्रि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पार्वती सहित शिवजी का स्मरण करें. भक्तिपूर्वक हाथ जोड़कर उन्हें नमस्कार कर सिर झुकाएं. फिर, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और त्रिपुंड धारण कर, माथे पर भस्म लगाएं.
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इसके पश्चात, शिवजी की आराधना करें. फिर, विधिपूर्वक पुष्पादि से विनायक आदि की पूजा कर शिवजी की पूजा करें. चंदन कुमकुम आदि से विधिपूर्वक पार्वती की पूजा करें.
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