8 Aug 2025
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श्रावण पूर्णिमा इस बार 9 अगस्त यानी कल मनाई जाएगी. श्रावण पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा, कजरी पूर्णिमा और सावन की पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है.
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श्रावण पूर्णिमा के दिन हर साल रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है और इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व भी बताया गया है
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लेकिन, इस बार श्रावण मास की पूर्णिमा बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और सौभाग्य मुहूर्त का संयोग बन रहा है.
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साल की हर पूर्णिमा पर स्नान और दान करना बहुत ही महत्वपूर्ण कहलाता है और इस दिन स्नान करना ब्रह्म मुहूर्त में करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
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इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 22 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 04 मिनट तक रहेगा, जो कि बहुत ही शुभ समय है.
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इसके अलावा, दूसरा मुहूर्त पूजन के लिए सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक रहेगा और तीसरा मुहूर्त सुबह 4 बजकर 43 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 47 मिनट तक रहेगा.
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श्रावण पूर्णिमा के दिन श्रीहरि, भगवान शिव, मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा-उपासना करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है. कुछ लोग इस दिन सत्यानारायण जी की भी पूजा करते हैं.
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सावन पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करें और फिर भगवान शिव की पूजा करें, उन्हें बेलपत्र, फल और फूल अर्पित करें.
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सावन पूर्णिमा की रात चंद्रमा के उदय होने पर उन्हें अर्घ्य दें और पूजा करें. इस दौरान 'ऊं सोमाय नमः' मंत्र का जाप करें, जिससे चंद्रदेव की कृपा प्राप्त हो और जीवन में सुख-शांति बनी रहे.
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