12 July 2025
aajtak.in
PC: AI Generated
भगवान शिव का प्रिय सावन का महीाना शुरू हो चुका है. सावन के सोमवार भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है और इस बार सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ रहा है.
PC: AI Generated
हिंदू धर्म में शिवलिंग को एक दिव्य शिला के रूप में पूजा जता है. आपने अक्सर देखा होगा कि मंदिरों में या तो काले रंग का या फिर सफेद रंग का ही शिवलिंग होता है.
PC: AI Generated
लोग शिवलिंग का पूजन करने के लिए उनका रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करते हैं और भगवान शिव को उनकी प्रिय वस्तुएं भी अर्पित करते हैं.
PC: AI Generated
आइए जानते हैं कि काले और सफेद रंग का शिवलिंग ही क्यों पूजा जाता है और इसे लेकर क्या मान्यता है.
PC: AI Generated
सफेद रंग ऊर्जा को प्रतिबिंबित करने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाता है. यह रंग भगवान शिव के शांति स्वरूप को दर्शाता है.
PC: AI Generated
वास्तु शास्त्र के मुताबिक, सफेद शिवलिंग मन को शांत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है. कुछ लोग सफेद शिवलिंग को शुद्धता और शांति का प्रतीक मानते हैं.
ज्यादातर मंदिरों में काले रंग के शिवलिंग को पूजा जाता है. ऐसा माना जाता है कि काला शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करके सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है.
PC: AI Generated
कुछ मान्यताओं के अनुसार, काला शिवलिंग घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. साथ ही, भगवान शिव के वैराग्य रूप को दर्शाता है.
लिंग पुराण और शिव पुराण के मुताबिक, शिवलिंग को ब्रह्मांड की रचना का प्रतीक माना जाता है, जिसमें शिव शक्ति के रूप में विराजते हैं.