11 July 2025
aajtak.in
आज से सावन महीने की शुरुआत हो गई है. सावन इस बार 29 दिनों चलेगा. इस पावन महीने में शिव लिंग पर जल चढ़ाने की खास अहमियत होती है. लेकिन कई बार जाने-अनजाने में शिवजी पर जल चढ़ाते समय लोगों से कुछ गलतियां हो जाती हैं.
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ये गलतियां धार्मिक दृष्टि से अनुचित मानी जाती हैं. तो आइए जानते हैं भगवान शिव पर जल चढ़ाने का सही तरीका और नियम
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1. प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.साफ कपड़े पहनें. बगैर स्नान किए शिवलिंग को कभी जल अर्पित न करें. स्वच्छता का ख्याल रखें.
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2. तांबे के एक स्वच्छ लोटे में गंगाजल या ताजा स्वच्छ पानी लें. उसमें अक्षत् (चावल), चंदन और पुष्प डालें. यह जल भगवान शिव को अर्पण करें.
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3. पूजा स्थल या शिव मंदिर में पूर्व दिशा या ईशान कोण की ओर मुख करके खड़े हों. जल का पात्र दोनों हाथों से पकड़ें और श्रद्धा भाव से अर्पित करें.
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4. जल धीरे-धीरे अर्पण करें. सीधे खड़े होकर जल न चढ़ाएं, थोड़ा झुककर अर्पण करें. ताकि शिवलिंग से गिरता जल आपके पैरों तक न आए.
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5. जलाभिषेक के दौरान “ॐ नम: शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें. जल समाप्त होने पर हाथ जोड़कर महादेव को नमन करें.
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6. जल अर्पण के बाद शिवजी को बेलपत्र, भांग, धतूरा, आक के फूल, शमी पत्र, शहद, अक्षत्, धूप, दीप और चंदन आदि अर्पित करें. ये सभी शिवजी को अति प्रिय हैं. हल्दी या कुमकुम न चढ़ाएं.
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7. शिवलिंग से कुछ दूरी बनाकर बैठें. फिर श्रद्धा पूर्वक शिव चालीसा का पाठ करें और बाद में भगवान की आरती उतारें.
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8. यदि पूजा में कोई त्रुटि रह गई हो, तो भगवान से क्षमा याचना करें. फिर अपनी मनोकामनाओं के लिए प्रार्थना करें और श्रद्धा के साथ पूजा पूरी करें.
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