5 Aug 2025
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6 अगस्त यानी कल सावन का दूसरा प्रदोष व्रत है. वैसे तो हर माह के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है. लेकिन सावन में आने वाले प्रदोष व्रत की महिमा विशेष है.
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सावन माह और प्रदोष व्रत दोनों का संबंध भगवान शिव से है. इसलिए कहते हैं कि सावन के प्रदोष व्रत में महादेव की पूजा करने वालों का जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहता है.
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चूंकि 6 अगस्त को दिन बुधवार पड़ रहा है, इसलिए सावन के इस दूसरे और अंतिम प्रदोष व्रत को बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा. धन संबंधी कामनाओं के लिए यह दिन बहुत उत्तम माना जाता है.
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आइए जानते हैं कि सावन के दूसरे प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा का क्या शुभ मुहू्र्त रहने वाला है.
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सावन शुक्ल त्रयोदशी 6 अगस्त को दोपहर 02.08 बजे से 7 अगस्त को दोपहर 02.27 बजे तक रहेगी. इस व्रत में प्रदोष काल का विशेष महत्व है, इसलिए यह व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा.
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प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है. 6 अगस्त को बुध प्रदोष की पूजा शाम 07.08 बजे से लेकर रात 09.16 बजे तक की जाएगी.
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भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए सुबह सूर्योदय से लेकर पूरे दिन अच्छा मुहूर्त रहने वाला है. सूर्योदय से लेकर दोपहर 2 बजे तक का समय और भी शुभ है.
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इस दिन व्रत-उपासना के बाद शिवलिंग का जलाभिषेक करें. इसके बाद भगवान को बेलपत्र, गंगाजल, दूध, चंदन, अक्षत आदि अर्पित करें.
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