17 July 2025
aajtak.in
हिंदू धर्म में सावन मास बेहद पवित्र और पूजनीय माना गया है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है.
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माना जाता है कि जो भक्त इस मास मन से भोलेनाथ की पूजा करता है, उस पर सदैव भगवान शिव की कृपा बरसती है.
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इस पवित्र महीने में भगवान शिव के भक्त कांवड़ यात्रा करते हैं और एक पात्र में गंगाजल भरकर लाते हैं. फिर उससे शिवलिंग का अभिषेक करते हैं.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त कांवड़ यात्रा करते हैं, उन्हें कुछ नियमों का पालन करना चाहिए.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कांवड़ को धरती पर रखना वर्जित है. ऐसा करने से भक्त का संकल्प टूट जाता है और उसे फिर से गंगाजल भरकर यात्रा प्रारंभ करनी होती है.
हालांकि यह नियम केवल खड़ी कांवड़ या डाक कांवड़ में ही लागू होता है. झूला कांवड़ के लिए यह लागू नहीं है.
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कांवड़ यात्रा बेहद पवित्र मानी जाती है. इस यात्रा के दौरान मांस-मदिरा और लहसुन-प्याज जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए.
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कांवड़ यात्रा के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. यह पवित्रता शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से लाएं. इससे भोलेनाथ प्रसन्न होंगे और जातक को मनचाहा परिणाम हासिल हो पाएगा.