7 july 2025
aajtak.in
साल 2025 में सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है. सावन में सोमवार का खास महत्व होता है. इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस बार सावन में चार सोमवार आएंगे. पहला सोमवार, यानी पहला व्रत 14 जुलाई 2025 को रखा जाएगा.
सावन का पहला सोमवार बहुत खास होता है. मान्यता है कि इस दिन अगर कोई भक्त सच्चे मन से व्रत रखता है और भगवान शिव की पूजा करता है, तो भोलेनाथ उसकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. यह व्रत खासकर कुंवारी लड़कियों के लिए शुभ माना जाता है.
इस बार ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:16 से 5:04 तक है. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:05 से 12:58 तक , अमृत काल दोपहर 12:01 से 1:39 तक और प्रदोष काल शाम 5:38 से 7:22 तक है.
सुबह जल्दी उठें और स्नान करें. साफ-सुथरे, हल्के रंग के कपड़े पहनें . आमतौर पर सफेद या पीला रंग शुभ होता है. पूजा की जगह साफ -सुथरा रकें.वहां गंगाजल या गौमूत्र छिड़कें और भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मूर्ति रखें.
सावन के पवित्र महीने में बेलपत्र, धतूरा, भांग, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी), गंगाजल, फूल, फल, मिठाई, दीपक, अगरबत्ती, चावल आदि से पूजा करना शुभ माना जाता है.
पहले गंगाजल से शिवलिंग को धोएं, फिर पंचामृत चढ़ाएं. इसके बाद फिर से गंगाजल से साफ करें और बेलपत्र, भांग, धतूरा, चंदन और फूल चढ़ाएं.
108 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें. महामृत्युंजय मंत्र, शिव चालीसा या रुद्राष्टक भी पढ़ सकते हैं. दीपक और अगरबत्ती जलाकर आरती करें. भगवान को फल, मिठाई आदि अर्पित करें और फिर सब में प्रसाद बांटें.
अगर आपने निर्जल व्रत रखा है, तो अगले दिन सुबह सूर्य निकलने के बाद फल या सात्विक भोजन खाकर व्रत खोलें. जरूरतमंदों को खाना या कपड़े दान करना शुभ होता है.