3 July 2025
aajtak.in
हिंदू धर्म में सावन के महीने का विषेश महत्व है. यह महीना महादेव की भक्ति के लिए सबसे खास माना गया है.
इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होगा, जिसका समापन 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन होगा. यह पावन महीने शिव भक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है.
मान्यता है कि श्रावण मास में देवों के देव महादेव का विधिपूर्वक पूजन करने से जातक के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और वह सुख-समृद्धि को प्राप्त करता है.
लेकिन इस महीने में केवल पूजा-पाठ ही काफी नहीं होती है, बल्कि कुछ ऐसे नियम भी होते हैं जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ऐसे कुछ कार्य होते हैं जिन्हें श्रावण मास में नहीं करना चाहिए.
माना जाता है कि इन कार्यों को इस अवधि में करने से महादेव रुष्ट हो सकते हैं और जातक को जीवन में परेशानियों का सामना करने पड़ सकता है.
शास्त्रों के मुताबिक, सावन के पावन महीने में बाल और दाढ़ी कटवाने से बचना चाहिए. ऐसा करने से जीवन नकारात्मकता आती है और जरूरी कार्यों में रुकावटें आ सकती हैं.
मान्यता है कि सावन के महीने में शरीर पर या सिर पर तेल नहीं लगाना चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा कम होने लगती है और व्यक्ति परेशानियों से घिर जाता है.
सावन के महीने में तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा और प्याज-लहसुन से परहेज करना चाहिए. इस महीने में सिर्फ सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए.
श्रावण मास में शिवलिंग पर केतकी का फूल, कुमकुम, हल्दी और सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए. इन चीजों को चढ़ाने से जातक को दरिद्रता का सामना करना पड़ सकता है.