12 July 2025
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भगवान शिव का प्रिय श्रावण मास चल रहा है. शास्त्रों के अनुसार. देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन सावन माह में ही हुआ था.
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समुद्र मंथन के दौरान 14 दिव्य रत्न निकले थे. ज्योतिषविदों के मुताबिक, यदि सावन के महीने में इनमें से एक भी रत्न कोई घर ले आए तो आदमी की सोई तकदीर जाग जाती है.
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पारिजात का पेड़ समुद्र मंथन के दौरान ही निकला था. सावन माह में पारिजात पुष्प भगवान शिव को अर्पित करने से लाभ होता है. आप इसका पौधा भी घर लेकर आ सकते हैं.
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समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर बाहर निकले थे. इसलिए शुभ कार्यों में कलश का अधिक महत्व है. आप सावन में एक कलश भी अपने घर ला सकते हैं.
कहते हैं कि जिस घर में अमृत का कलश होता है, वहां कभी कोई मुसीबत नहीं आती है. इसके साथ रोग-समस्याओं से भी मुक्ति मिल जाती है.
कहते हैं कि ऐरावत हाथी भी समुद्र मंथन के दौरान ही निकला था. जो कि इंद्र देव का वाहन है. सावन में आप पत्थर या क्रिस्टल के हाथी को ऐरावत हाथी के प्रतीक के रूप में रख सकते हैं.
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समुद्र मंथन के दौरान मिले 14 रत्नों में से एक पांचजन्य शंख भी है. इस अमूल्य शंख को भगवान विष्णु ने रख लिया था. इसलिए सावन में आप एक शंख घर के मंदिर में लाकर रख सकते हैं.
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मां लक्ष्मी समुद्र मंथन से ही निकली थीं. सावन माह में आप मां लक्ष्मी की कोई नई प्रतिमा या मूर्ति भी अपने घर लेकर आ सकते हैं.
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