10 july 2025
aajtak.in
सावन शिव भक्ति का खास महीना है, जो इस बार 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है. शिवजी के पूजन में कुछ गलतियों से बचना जरूरी है.
सावन में मांस-मदिरा, प्याज-लहसुन जैसे तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. यह महीना सात्विकता और शुद्धता का प्रतीक है. इन चीजों का सेवन शिव कृपा में बाधा डाल सकता है.
सावन में हरे या सफेद रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं. काले रंग को नकारात्मकता से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इस मास में इसका त्याग करना उचित माना गया है.
इस महीने शिवलिंग पर दूध चढ़ाना पुण्यदायी माना जाता है, लेकिन खुद दूध पीने से परहेज करना चाहिए. मान्यता है कि सावन में दूध का सेवन करने से शरीर में गर्मी और त्वचा संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
भगवान शिव का अभिषेक करते समय शुद्ध जल, दूध, शहद, गंगाजल आदि का प्रयोग किया जाता है, लेकिन ध्यान रखें कि जल धारा लगातार गिरे और ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप हो. बाएं हाथ से जल न चढ़ाएं और लोहे के बर्तन का उपयोग भी न करें.
सावन के व्रत सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि के लिए होते हैं. क्रोध करना, झूठ बोलना या किसी का अपमान करना व्रत की पवित्रता को भंग करता है.
सावन में व्रती को जमीन पर चटाई या दरी बिछाकर सोना चाहिए. यह शुद्धता, विनम्रता और भक्ति का प्रतीक है, जबकि बिस्तर पर सोना आलस्य बढ़ाता है.
सावन में दही खाना अशुभ माना जाता है, खासकर रात में दही नहीं खाना चाहिए. मान्यता है कि इससे शुक्र दोष हो सकता है. इसकी जगह छाछ या नींबू पानी लेना बेहतर है.
सावन में बाल या दाढ़ी कटवाना अशुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से जीवन में बार-बार रुकावटें आती हैं . और अच्छे कामों में अड़चन बढ़ सकती है.