23 dec 2024
aajtak.in
26 दिसंबर को साल की आखिरी एकादशी यानी सफला एकादशी आने वाली है. हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है.
कहा जाता है कि सफला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी कार्य सिद्ध और सफल हो जाते हैं. इसलिए, इसका नाम सफला एकादशी है.
माना जाता है कि सफला एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति का भाग्य जाग जाता है और इच्छाएं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
तो आइए जानते हैं कि सफला एकादशी पर किन गलतियों से सावधान रहना होगा.
एकादशी के दिन अनाज और चावल का सेवन वर्जित है. ऐसा माना जाता है कि चावल का सेवन व्रत को अपूर्ण बना सकता है.
एकादशी के दिन मन और वाणी को शांत रखना चाहिए. क्रोध, वाद-विवाद या किसी से कटु शब्द बोलने से व्रत का पुण्य नष्ट हो सकता है.
एकादशी के दिन अधिक सोना वर्जित है. इस दिन जागरण और भगवान का भजन-कीर्तन करना अधिक लाभकारी माना गया है.
इस दिन सत्य बोलना और मन को शुद्ध रखना आवश्यक है. झूठ बोलना, छल-कपट या किसी के प्रति बुरा सोचने से व्रत का फल नष्ट हो जाता है.
यदि आप फलाहार कर रहे हैं तो मसालेदार और तामसिक भोजन से बचें. लहसुन-प्याज जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन पूरी तरह से वर्जित है.
एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. अगर पूजा में तुलसी का उपयोग करना है, तो एक दिन पहले ही पत्ते तोड़ लें.