हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है. लोग तुलसी को तीर्थ स्थान की तरह मानकर इसकी पूजा करते हैं.
पुराणों के अनुसार तुलसी के पत्ते तोड़ने के कुछ नियम हैं और अगर इन्हें ना माना गया तो इसके गलत प्रभाव देखने को मिलते हैं.
किसी भी एकादशी, रात के समय, रविवार, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण में तुलसी के पत्ते तोड़ना पाप माना जाता है.
इसके अलावा रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल अर्पित नहीं करना चाहिए.
तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले हमेशा हाथ जोड़कर अनुमति लेनी चाहिए. इसे कभी भी नाखून की मदद से नहीं तोड़ना चाहिए.
बिना वजह तुलसी के पत्ते तोड़ना पाप माना जाता है. इसे केवल धार्मिक या स्वास्थ्य कारणों से तोड़ा जाना चाहिए.
बिना स्नान किए तुलसी के पत्तों को नहीं छूना चाहिए.
तुलसी के पत्तों में मौजूद एसिड की वजह से इन्हें चबाने से बचना चाहिए. इसे पानी या चाय में डालकर पीना ज्यादा फायदेमंद होता है.
तुलसी की पत्तियां सूख जाने पर इन्हें फेंकना नहीं चाहिए. सूखी पत्तियों को धोकर तुलसी के पौधे की मिट्टी में ही डाल देना चाहिए.
सूखे हुए तुलसी के पौधे को किसी पवित्र नदी, कुएं या किसी झील में प्रवाहित कर दें. इसे घर में रखना अशुभ होता है.
तुलसी का पौधा कभी भी दक्षिण-पूर्व दिशा में नहीं लगाना चाहिए. इस दिशा को अग्नि की दिशा माना जाता है.
तुलसी के पौधे को साफ जगह पर रखना चाहिए. इसके आसपास किसी भी प्रकार गंदी चीजें जैसे पोछा, झाड़ू आदि नहीं होना चाहिए.
तुलसी के पौधे को किसी भी कांटेदार पौधे के साथ नहीं रखना चाहिए.