5 april 2025
aajtak.in
6 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा और चैत्र नवरात्र की नवमी को भी रामनवमी के नाम से जाना जाता है.
ज्योतिषियों के मुताबिक, चैत्र नवरात्र के 9वें दिन श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इसे रामनवमी के नाम से जाना जाता है.
पंचांग के अनुसार, श्रीराम का जन्म दोपहर 12 बजे कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में हुआ था. इसलिए, इस दिन मध्य दोपहर में ही भगवान राम का पूजन करना चाहिए.
लेकिन, इस बार रामनवमी बहुत ही खास मानी जा रही है क्योंकि नवमी तिथि के साथ पुष्य नक्षत्र, रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहने वाला है. और इसी दिन चंद्रमा कर्क राशि में विचरण करने वाले हैं.
तो आइए जानते हैं कि रामनवमी के दिन किस मुहूर्त में पूजा करें और क्या है पूजन विधि.
इस बार नवमी तिथि 5 अप्रैल को शाम 7 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा.
श्रीराम की पूजन मुहूर्त- 6 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक भगवान राम की पूजा का बहुत ही शुभ मुहूर्त है.
श्रीराम की पूजा इस रामनवमी के दिन मध्य दोपहर में करनी चाहिए. साथ ही रामचरितमानस का पाठ करना चाहिए. श्रीराम के मंत्रों का जाप करें.