6 Aug 2025
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रक्षा बंधन, जिसे राखी का त्योहार भी कहा जाता है. यह एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के बीच प्रेम और अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है.
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माना जाता है कि रक्षाबंधन के दिन राखी किसी अशुभ मुहूर्त में नहीं बांधनी चाहिए और इस दिन का सबसे अशुभ मुहूर्त होता है भद्रा का साया.
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लेकिन ज्योतिषियों के मुताबिक, इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं लग रहा है. परंतु रक्षाबंधन पर भद्रा के अलावा भी कई सारे अशुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है.
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पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन के दिन राहुकाल, दुमुहूर्त, गुलिक काल और यमगंड का निर्माण होने जा रहा है जो कि बहुत ही अशुभ योग माने जाते हैं.
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9 अगस्त को राहुकाल सुबह 9:07 मिनट से लेकर सुबह 10:47 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए तो इसलिए रक्षाबंधन के दिन इस समय राखी बांधने से बचें.
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इसके अलावा, गुलिक काल भी बहुत ही अशुभ होता है और इस दिन गुलिक काल सुबह 5:47 मिनट से लेकर सुबह 7:27 मिनट तक रहेगा.
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दुमुहूर्त भी अशुभ योग होता है. जो रक्षाबंधन के दिन दो बार लगेगा पहला सुबह 5:47 मिनट से लेकर सुबह 6:40 मिनट तक और दूसरा सुबह 6:40 मिनट से लेकर सुबह 7:34 मिनट तक.
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रक्षाबंधन के दिन यमगण्ड दोपहर 2:06 मिनट से लेकर 3:46 मिनट तक रहेगा, जो कि बहुत ही अशुभ काल माना जाता है.
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रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 5:47 मिनट से लेकर दोपहर 1:24 मिनट तक रहेगा, जिसकी अवधि 7 घंटे 37 मिनट की होगी. इस दौरान राखी बांधना सबसे शुभ माना जा रहा है.
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