7 Aug 2025
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भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा. ये वो दिन है, जब बहनें अपने भाई के माथे पर टीका और हाथ में राखी बांधकर उसके लिए मंगलकामनाएं करती हैं.
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इस साल राखी पर भद्रा का साया तो नहीं है, लेकिन राहु की काली छाया जरूर पड़ने वाली है. रक्षाबंधन की सुबह राहुकाल लगने वाला है.
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ज्योतिषविदों के अनुसार, राहुकाल में भाई की कलाई पर राखी बांधना वर्जित माना गया है. इस अशुभ घड़ी में भूलकर भी भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए.
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हिंदू पंचांग के अनुसार, 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन राहु काल सुबह 09 बजकर 07 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 47 मिनट तक रहने वाला है. यानी राहु काल की काली छाया करीब 1 घंटा 40 मिनट रहेगी.
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ज्योतिषविदों की सलाह है कि रक्षाबंधन पर राहु काल लगने से पहले या बाद में ही भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधें. अन्यथा यह शुभ कार्य फलदायी नहीं माना जाएगा.
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रक्षाबंधन पर राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 05 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. यानी करीब साढ़े 7 घंटे का शुभ मुहूर्त है.
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रक्षाबंधन पर स्नानादि के बाद अपने ईष्टदेव को याद करते हुए पूजा की थाली तैयार करें. फिर भाई को पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठाएं.
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इसके बाद भाई के माथे पर रोली, अक्षत का तिलक लगाएं. उसकी कलाई पर राखी बांधें और मिठाई खिलाएं. फिर भाई की आरती उतारें और उसके लिए मंगलकामनाओं की प्रार्थना करें.
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