रक्षाबंधन पर 297 साल बाद अद्भुत संयोग, इस शुभ मुहूर्त में बंधेगी भाई की कलाई पर राखी

5 Aug 2025

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9 अगस्त 2025 को मनाया जाने वाला रक्षाबंधन इस बार एक खगोलीय चमत्कार का साक्षी भी बनने जा रहा है. 

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ज्योतिष गणना के अनुसार, 297 वर्षों बाद इस दिन एक ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसे वैदिक ज्योतिष में अत्यंत शुभ और शक्तिशाली माना गया है. 

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इस दिन पर श्रवण नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा मकर राशि में स्थित होगा. संयोग से इस दिन शनिवार भी पड़ रहा है.

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मकर राशि और शनिवार दोनों के अधिपति शनि हैं. वहीं श्रवण नक्षत्र के अधिपति ब्रह्मा जी माने जाते हैं.  इसलिए यह पर्व ब्रह्मा और विष्णु की साक्षी में एक दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ मनाया जाएगा.

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रक्षाबंधन के दिन सूर्य कर्क, चंद्रमा मकर, मंगल कन्या, बुध कर्क, गुरु और शुक्र मिथुन, राहु कुंभ और केतु सिंह राशि में रहेगा. रक्षाबंधन पर ग्रहों की ऐसी स्थिति 297 साल पहले बनी थी.

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इस बार भद्रा का कोई प्रभाव नहीं होगा. इसका अर्थ है कि राहु काल (सुबह 9:07 बजे से 10:47 बजे) को छोड़कर पूरे दिन राखी बांधना शुभ रहेगा.  

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रक्षाबंधन पर बन रहे शुभ संयोग न केवल भाई-बहन के रिश्ते में नई स्फूर्ति, शक्ति और समर्पण का संचार करेंगे. बल्कि सुख-समृद्धि और खुशहाली के द्वार भी खोलेंगे.

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भद्रा न होने के कारण भद्रा भी नहीं रहेगी. ऐसे में बहनें सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 24 मिनट तक भाई को राखी बांध सकेंगी.