15 April 25
Aajtak.in
प्रेमानंद महाराज अपने अनमोल विचारों से लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. उनकी कही गई बातें व्यक्ति को जीवन का सही मार्ग दिखाने में मदद करती हैं.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि चाहे कैसी भी परिस्थिति आए, लेकिन इंसान को कभी भी टूटना नहीं चाहिए. आइए जानते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा.
दरअसल, प्रेमानंद महाराज ने अपने शुरुआती जीवन में आई कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि किडनी रोग की वजह से उन्हें कोई भी आश्रम आसरा देने को तैयार नहीं था.
उन्होंने कहा, एक बार जब उन्होंने काली देह स्थित एक जगह से खाना मांगा तो उन्हें बहुत थोड़ा भोजन मिला.
इतने कम भोजन से उनका पेट तक भरना मुश्किल था. तब प्रेमानंद महाराज ने मन ही मन कहा कि भगवान आप कैसे दिन दिखा रहे हैं.
'मैं रोगी हो चुका हूं. खाने को अन्न का दाना भी पर्याप्त नहीं है. इतने सुखी-समृद्ध संसार में आप ये मेरी कैसी परीक्षा ले रहे हैं.'
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि उसी दिन से उनका समय बदलना शुरू हो गया और आज उनके पास वैभव और सुख-संपन्नता की कमी नहीं है और यह सब ईश्वर का आशीर्वाद है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि इस घटना से उन्हें सीख मिली कि परिस्थिति चाहे कितनी भी विकट क्यों ना हो, लेकिन इंसान को कभी भी हिम्मत नहीं हारना चाहिए.