5 Aug 2025
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राधा रानी के सबसे बड़े भक्त प्रेमानंद महाराज को कौन नहीं जानता है. उनके द्वारा बोले गए शब्दों को हर व्यक्ति शिक्षा के रूप में देखता है.
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प्रेमानंद महाराज लोगों को अध्यात्म के मार्ग पर चलना सिखाते हैं और जीवन में सच्ची खुशी पाने का रास्ता बताते हैं.
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हाल में एक भक्त प्रेमानंद महाराज के पास अपनी समस्या लेकर पहुंचा और उसने महाराज ने कहा कि, ' कौन से ऐसे विकार हैं जो व्यक्ति का सर्वनाश करते हैं?'
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प्रेमानंद महाराज ने इसका उत्तर देते हुए कहा कि, 'इच्छा और वासनाओं के विकार इंसान के जीवन में बहुत बड़ी परेशानी पैदा करते हैं.'
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'विकार धीरे-धीरे जीवन को नासमझी की ओर लेकर जाते हैं और इंसान को दुखी तथा दुख में फंसा देते हैं जिसमें 6 विकार शामिल हैं- काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद और मत्सर.'
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'ये 6 विकार यानी दोष हर व्यक्ति के अंदर मौजूद होते हैं और यही दोष इंसान की इच्छाओं से भी जुड़े होते हैं.'
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'काम मतलब असहज इच्छाएं, क्रोध मतलब जल्दी गुस्सा आना, लोभ मतलब जरूरत से ज्यादा चाहे लेना, मोह मतलब किसी चीज से जुड़ाव इतना हो जाना कि उससे अलग होने का सोच भी नहीं सकते, मद मतलब घमंड और मत्सर जिसका मतलब है जलन या ईर्ष्या.'
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आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, ' जब हम देखते हैं कि कोई हमसे आगे बढ़ रहा है, तो उसमें जलने की भावना पैदा होती है, इसे ही ईर्ष्या कहते हैं.'
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'जब तक हम अपने मन का भजन और भगवान का नाम नहीं जपेंगे, तब तक इन विकारों को पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाएंगे. क्योंकि छोटी सी ईर्ष्या भी मनुष्य को बर्बाद कर सकती है और उसकी आत्मा को कमजोर बना सकती है.'
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