7 Apr 2025
Aajtak.in
Photo: Meta/AI
वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के दरबार में कुछ दिनों पहले एक महिला पहुंची और और उनसे अपनी समस्या का समाधान पूछा.
महिला ने कहा, 'मेरी उम्र 34 साल हो गई है. राधारानी की कृपा से आईटी में जॉब करती हूं. लेकिन काफी प्रयास के बावजूद मेरी शादी नहीं हो रही है.'
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'हालांकि, शादी करने की अब मेरी इच्छा भी नहीं है. जिस कारण से लोग शादी करना चाहते हैं उसमें भी मेरी रुचि नहीं हैं.'
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'अब न मैं ग्रहस्थ, न विरक्त. अगर मैं शादी के बगैर अपनी जॉब करूं, परिवार की सेवा करूं और नामजप करूं तो क्या मुझे भगवत प्राप्ति होगी.'
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इस पर प्रेमानंद जी ने कहा, 'आप निश्चिंत रहिए. सब अच्छा होगा. लेकिन कुछ बातें ध्यान रखें कि कभी गंदे आचरण न बनें.'
'जैसे मान लो- शादी नहीं की और गलत संगत में पड़ गए तो यह व्यभिचार कहलाता है. ऐसी गलती न करें.'
प्रेमानंद जी ने शास्त्र का हवाला देते हुए कहा, 'व्यभिचारी की शुभ गति नहीं होती है. ऐसे लोगों की निश्चित ही दुर्गती हो जाती है.'
'इसलिए आप ये सब छोड़कर ब्रह्मचर्या धारण करके परिवार, समाज की सेवा करते रहें तो निश्चित ही भगवत प्राप्ति का मार्ग मिल जाएगा.'