27 June 2025
aajtak.in
राधा रानी के परम भक्त और वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज जी को कौन नहीं जानताहै. उनके मुख से निकले शब्द कलियुग में प्रकाश की तरह हैं.
महाराज अपने अनमोल वचनों से लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. भक्त दूर-दूर से अपने जीवन की परेशानियां लेकर आते हैं और महाराज अपने अनुभव से उन्हें सरल उपाय बताते हैं.
ऐसा ही हाल ही में एक भक्त ने महाराज जी से कहा "महाराज, मुझसे ऐसे कर्म हो रहे हैं जो कछुओं की योनियों में जाने वाले बताए गए हैं. क्या मेरा अगला जन्म कछुआ होगा?"
भक्त का यह सवाल सुनकर महाराज जी पहले जोर से हंसे. फिर मुस्कुराते हुए बोले "अभी सुधार लो, क्या तुम्हें अगले जन्म कछुआ बनने का शौक है?"
भक्त बोला "नहीं महाराज, ऐसी तो कोई इच्छा नहीं." तब प्रेमानंद महाराज ने कहा कि तो अभी से नाम जप शुरू कर दो."
भगवान से क्षमा माँगो क्योंकि ठाकुर जी करुणा के सागर हैं. वे सभी प्रकार के पापों को नष्ट कर देंगे.
महाराज हंसते हुए बोले "चिंता मत तुम कछुआ ही बनोगे. नहीं तो सच में कछुआ ही बन जाओगे. मन जैसा सोचेगा, वैसा ही परिणाम आएगा.
बस रोज कम से कम एक घंटा बैठकर मन से 'राधा-राधा-राधा' नाम का जप करो और जीवन को सुखमय बनाओ.