15 july 2025
PC: Instagram/premanand_bhajanmarg_official
आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि 84 लाख योनियों का लंबा सफर तय करने के बाद हमें मनुष्य का जीवन मिलता है.
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हाल ही में वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज से एक शख्स ने यही सवाल किया है. शख्स ने पूछा कि 84 लाख योनियों का सफर तय होने में कितना समय लगता है.
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इस पर प्रेमानंद महाराज ने मुस्कुराते हुए कहा, 'यह भगवान की माया का खेल है और इसका कोई निश्चित समय या अवधि नहीं है.'
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उन्होंने आगे कहा, 'कुछ योनियां ऐसी हैं जिनमें 10-10 हजार साल तक रहना पड़ सकता है. एक सर्प योनि में ही न जाने कितनी तरह की नस्ल हैं.'
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'अब यदि किसी को सर्प योनि में ही जन्म लेना पड़े तो उसे लाखों वर्ष उसी योनि में भोगने पड़ेंगे.'
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'सोचिए, 84 लाख योनियों में ही कितने प्रकार के जीव हो गए. योनियों के इस चक्र का कोई निश्चित समय नहीं है.'
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'इसलिए 84 लाख योनि के बारे में सोचना छोड़ दो. मनुष्य का जीवन मिला है तो इतना भजन करो कि 84 लाख योनियों में न जाना पड़े.'
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'ईश्वर से प्रार्थना करें कि हमें पुन: मनुष्य का ही जन्म दें. ताकि हम फिर भगवान की आराधना करें और समाज की सेवा कर सकें.'
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'अन्य सभी योनियां बहुत कष्टकारी हैं. केवल मनुष्य का जीवन ही सबसे सुखद है. अन्य सभी जीवों को सारी जिंदगी बहुत कष्ट झेलने पड़ते हैं.'
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