19 Aug 2025
Photo: Getty Image
पितृ पक्ष इस साल 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा, जिसमें हमारे पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाएगा.
Photo: Getty Image
पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है. इस दौरान पितरों को तृप्त करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान किए जाते हैं.
Photo: Ai Generated
हिंदू पंचांग के अनुसार, पितृ पक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि से शुरू होता है, जिसमें पितरों को श्रद्धांजलि देने और उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं.
Photo: AI Generated
पितृ पक्ष के दौरान 16 दिनों तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि इस समय को अशुभ माना जाता है और पितरों को श्रद्धांजलि देने पर ध्यान दिया जाता है.
Photo: Getty Image
ज्योतिषियों के अनुसार, पितृ पक्ष से पहले सभी महत्वपूर्ण और शुभ कार्यों को पूरा कर लेना चाहिए, क्योंकि पितृ पक्ष के दौरान 16 दिनों तक इन कार्यों के लिए उचित समय नहीं माना जाता है.
Photo: Getty Image
नए बिजनेस या दुकान की शुरुआत करने के लिए पितृ पक्ष से पहले का समय उत्तम माना जाता है, ताकि शुभ कार्य बिना किसी बाधा के हो सके.
Photo: AI Generated
पितृ पक्ष में नए वस्त्र खरीदने से बचना चाहिए, बल्कि इस दौरान वस्त्रों का दान करना उचित माना जाता है. इसलिए, नए वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी पितृ पक्ष से पहले ही कर लेनी चाहिए.
Photo: AI Generated
विवाह जैसे शुभ अनुष्ठानों के लिए 7 सितंबर से पहले का समय उपयुक्त है, लेकिन इसके लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है. पितृ पक्ष शुरू होने के बाद ऐसे कार्यों के लिए उचित समय नहीं माना जाता है.
Photo: AI Generated
पितृ पक्ष में पूजा के लिए कोई विशिष्ट मुहूर्त नहीं होता, इसलिए यदि कोई विशेष पूजा करवानी है तो उसे पितृ पक्ष से पहले ही संपन्न कर लेना उचित होगा.
Photo: AI Generated