14 dec 2024
aajtak.in
मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 15 दिसंबर यानी कल रखा जाएगा. ज्योतिषियों की मानें तो, इस दिन कुछ गलतियों से सावधान रहना चाहिए.
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का प्रभाव मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर अधिक पड़ता है. इसलिए क्रोध, ईर्ष्या या नकारात्मक विचारों से बचें.
पूर्णिमा की रात सोने के बजाय पूरी रात भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करें.
इस दिन बाल और नाखून भी नहीं कटवाने चाहिए. इसके अलावा, पूर्णिमा के दिन क्रोध करने से बचना चाहिए.
पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए और न ही प्याज लहसुन का सेवन करना चाहिए.
इस दिन किसी का अपमान या तिरस्कार करने से नकारात्मक कर्म जुड़ सकते हैं। कोशिश करें कि सभी के साथ मधुर व्यवहार रखें
पूर्णिमा के दिन काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए. माना जाता है कि काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक होता है.
पूर्णिमा का सीधा संबंध चंद्रमा से है. इस दिन चंद्र दर्शन करना और उनकी पूजा करना शुभ माना जाता है. चंद्रमा का उपहास करना या अपमान करना अशुभ प्रभाव डाल सकता है.