भगवान महावीर ने इन 5 चीजों को बताया था इंसान का असली शत्रु, बर्बाद कर देते हैं जीवन

9 Apr 2025

Aajtak.in

भारत एक ऐसा देश है, जहां विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के त्योहार पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाए जाते हैं. इन्हीं पर्वों में एक है महावीर जयंती.

महावीर जयंती जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है.

इस वर्ष महावीर जयंती 10 अप्रैल, यानी कल मनाई जाएगी. इस दिन भक्त भगवान महावीर की पूजा करते हैं और उनके बताए गए सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लेते हैं.

भगवान महावीर ने हमेशा ही सत्य और अहिंसा का संदेश दिया था. उनका जीवन आज भी हमें नैतिकता, करुणा और सहिष्णुता की राह पर चलने की प्रेरणा देता है.

आइए जानते हैं भगवान महावीर के 5 अनमोल वचन, जो आज भी जीवन की दिशा बदल सकते हैं.

भगवान महावीर कहते हैं कि आत्मा इस संसार में अकेली आती है और अकेली ही जाती है. ना कोई सगा होता है, ना कोई मित्र होता है.

आत्मा का कोई मित्र 

महावीर ने हमें स्वयं के दोषों से लड़ने की प्रेरणा दी है. वह कहते हैं कि स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना?  जो स्वयं से जीत लेता है, उसे आनंद की प्राप्ति होती है.

स्वयं से लड़ो, बाहरी शत्रु से नहीं

हमारे जीवन की समस्याओं के लिए दूसरों को दोष देना गलत है. हमारे दुख हमारे ही कर्मों का फल हैं. जब हम अपनी गलतियों को सुधारते हैं, तभी सच्चे सुख की प्राप्ति होती है।"

सुख अपने कर्मों से आता है

आपकी आत्मा से बड़ा कोई शत्रु नहीं. हमारे अंदर छिपे लालच, क्रोध, घमंड, द्वेष और नफरत ही असली शत्रु हैं.

सबसे बड़ा शत्रु हमारे भीतर है

भगवान महावीर कहते थे, भगवान का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है, बल्कि व्यक्ति सही दिशा में प्रयास करके देवत्व को प्राप्त कर सकता 

व्यक्ति देवत्व को प्राप्त कर सकता है