महाशिवरात्रि का त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा. भगवान शिव के ज्यादातर भक्त उनके दो पुत्र गणेश और कार्तिकेय के बारे में ही जानते हैं.
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिवजी की एक बेटी भी है, जिसका नाम अशोक सुंदरी. पद्म पुराण में भी अशोक सुंदरी की कहानी का जिक्र है.
कहते हैं कि माता पार्वती अपना एकाकीपन दूर करना चाहती थी. इसलिए उन्होंने कल्पवृक्ष से एक बेटी मांगी. तब कल्पवृक्ष से अशोक सुंदरी का जन्म हुआ.
शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय जहां से जल नीचे की ओर बहकर निकलता है, उस जगह को अशोक सुंदरी कहते हैं.
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इसलिए शिवलिंग के सामने बनी इस नलिका को कभी नहीं लांघना चाहिए. शिवलिंग की परिक्रमा करते समय इसका विशेष ख्याल रखना चाहिए.
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अशोक सुंदरी की पूजा के लिए सोमवार का दिन श्रेष्ठ है. सुबह स्नानादि के बाद भगवान शिव, पार्वती और शिवलिंग की स्थापना करें.
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इसके बाद घी का दीपक जलाएं और पुष्प आदि अर्पित करें. शिवलिंग पर अशोक सुंदरी के स्थान पर फल, फूल अर्पित करना न भूलें.
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भोलेनाथ की तरह इनकी पूजा में भी बेलपत्र जरूर चढ़ाएं. कहते हैं इनकी पूजा से धन और व्यापार से जुड़ी समस्याओं का अंत होता है.