भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग कहां-कहां हैं स्थित? जानिए उनकी महिमा और महत्व

19 Apr 2025

Aajtak.in

हिंदू धर्म में 12 ज्योतिर्लिंग का अत्यंत महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिवजी जहां-जहां स्वयं प्रगट हुए, उन्हीं 12 स्थानों पर स्थित शिवलिंगों को पवित्र ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है.

ज्योतिर्लिंग का अर्थ ज्योति का लिंग है, जो भगवान शिव की दिव्य ज्योति को प्रतिष्ठित करता हैं. ऐसा कहा जाता है कि इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से भक्तों के सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.

यह तीर्थस्थान पूरे भारत में फैले हुए हैं और हर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के किसी विशेष शक्ति का प्रतीक है. आइए जानते हैं इनके बारे में.

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं चंद्र देव ने किया था. मान्यता है कि इस पावन धाम की पूजा करने से व्यक्ति से सारे रोग दूर हो जाते हैं.

सोमनाथ

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल पर्वत पर स्थित है. इस ज्योर्तिलिंग को दक्षिण का कैलाश कहा जाता है. हिन्दू धर्म ग्रंथो में इस ज्योतिर्लिंग की महिमा का वर्णन किया गया है.

मल्लिकार्जुन 

यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है. महाकालेशवर ज्योतिर्लिंग एकमात्र ऐसा जो दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है. माना जाता है कि यहां पर शिव जी की आरती करने वाले का काल कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है.

महाकालेशवर

यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित है. इस ज्योतिर्लिंग के चारों और पहाड़ और नदी बहने से यहां ॐ का आकार बनता है. मान्यता है कि व्यक्ति इस पावन धर्म में पहुंचकर सभी सुख को भोगते हुए शिवलोक में स्थान प्राप्त करता है.

ओंकारेश्र्वर 

केदारनाथ मंदिर, हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है. केदार नाथ धाम के कपट अप्रैल में खुलते हैं और नवंबर में बंद हो जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ यह मंदिर अपने आप में अद्भुत है.

केदारनाथ

यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे के पास सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है. इस मंदिर को मोटेशवर महादेव के नाम के भी जाना जाता है.इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को समस्त दुखों से छुटकारा मिल जाता है.

भीमाशंकर 

काशी विश्वनाथ मंदिर शिव जी के सभी 12 ज्योर्तिर्लिंगों में से एक महत्वपूर्ण मंदिर है. यह मंदिर उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित है. यह ज्योतिर्लिंग जीवन और मृत्यु में मोक्ष प्रदान करने वाला माना जाता है.

काशी विश्वनाथ 

त्र्यम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है. यह मंदिर महाराष्ट्र के त्र्यम्बक गांव में स्थित है. यह पावन धाम गोदावरी नदी के पास स्थित है.

त्र्यम्बकेश्वर

वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है. इस जगह के लोग इस मंदिर को बाबा बैजनाथ धाम के नाम से भी जानते हैं. कहते हैं कि भोलेनाथ यहां आने वाले सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

वैद्यनाथ 

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग गुजरात के द्वारका में स्थित है. सावन के महीने में इस प्राचीन नागेश्वर शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंगों की एक साथ पूजा-अर्चना का विशेष महत्व है. मान्यता है कि यहां दर्शन और पूजन करने से भक्तों की कुंडली में कालसर्प, सर्प दोष का असर कम होता है.

नागेश्वर

तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग का विशेष स्थान है. उत्तर में जितना महत्व काशी का है, उतना ही महत्व दक्षिण में रामेश्वरम का भी है. मान्यता है कि यहां ज्योतिर्लिग पर गंगाजल चढ़ाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

रामेश्वरम

यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद के पास स्थित है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है.  पुराणों के अनुसार इस मंदिर के दर्शन कर लेने से मनुष्य को जीवन का हर सुख मिलता है.

घृष्णेश्वर