13 Aug 2025
Photo: AI Generated
16 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी. कृष्ण जन्माष्टमी सिर्फ श्रीकृष्ण के जन्म ही नहीं है, बल्कि उनके दिव्य ज्ञान और अपने भक्तों की रक्षा के अद्भुत संकल्प की कहानी भी बयां करती है.
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भगवान श्रीकृष्ण को ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत ज्ञान था और इसी ज्ञान से उन्होंने अर्जुन की प्रतिज्ञा पूरी कराई थी.
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दरअसल महाभारत में सूर्य ग्रहण का उल्लेख मिलता है. युद्ध के 18 दिनों में एक समय ऐसा आया, जब अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए.
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तब शोक और क्रोध में अर्जुन ने प्रतिज्ञा ली कि अगले दिन सूर्यास्त से पहले वो जयद्रथ का वध कर देंगे, अन्यथा आत्मदाह करेंगे.
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अगले दिन कौरवों ने अर्जुन को रोकने के लिए रणनीति बनाई और उसके रास्ते में बाधा डालने लगे. सूर्य ढलने का समय निकट था और अर्जुन निराश हो रहे थे.
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तभी श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य माया से सूर्य को ढक दिया. जयद्रथ ने समझा कि सूर्यास्त हो चुका है और वह निश्चिंत होकर सामने आ गया.
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उसी क्षण सूर्य पुनः प्रकट हुआ और कृष्ण के इशारे पर अर्जुन ने तीर चला दिया और जयद्रथ का वध करके अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली.
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महाभारत की यह कहानी हमें सिखाती है कि जब कोई धर्म और संकल्प के मार्ग पर अडिग रहता है तो श्रीकृष्ण संकट की घड़ी में उसके साथ खड़े रहते हैं.
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