15 Aug 2025
Photo: Ai Generated
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, द्वापर युग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. इसी कारण हर वर्ष इसी तिथि पर जन्माष्टमी का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाता है.
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इस साल जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त, यानी कल मनाया जाएगा. इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं और पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में जन्मोत्सव मनाते हैं.
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धार्मिक मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है.
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शास्त्रों में भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए चांदी की बांसुरी से जुड़े कुछ उपाय भी बताए गए हैं.
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी अतिप्रिय है. जन्माष्टमी के दिन उन्हें चांदी की बांसुरी अर्पित करना बेहद शुभ माना गया है.
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मान्यता है कि जन्माष्टमी के दिन पूजा के दौरान भगवान के पास चांदी की बांसुरी रखने से सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है, आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और कारोबार में तरक्की के मार्ग खुलते हैं.
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पूजन के बाद चांदी की बांसुरी को घर की तिजोरी में रखना भी बेहद शुभ माना जाता है. इससे पैसों की आवक बनी रहती है और घर में कभी धन की कमी नहीं होती है.
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जन्माष्टमी के दिन घर में बांसुरी रखने से न केवल नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है बल्कि वातावरण में शांति और सकारात्मकता का संचार होता है.
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