16 Aug 2025
Photo: AI Generated
आज देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. राधा के बिना श्रीकृष्ण अधूरे हैं. इसलिए जब भी श्रीकृष्ण का जिक्र होता है, राधा का नाम अपने आप जुबान पर चढ़ जाता है.
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कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी अनूठी है, लेकिन क्या आपने सोचा है कि राधा की मृत्यु कैसे हुई और दोनों आखिरी बार कब मिले थे.
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राधा, श्रीकृष्ण के बचपन का प्रेम थीं. आठ वर्ष की उम्र से ही दोनों में गहरा स्नेह था. राधा, कृष्ण के दिव्य गुणों को जानती थीं और जीवनभर उस प्रेम को अपने मन में संजोए रहीं.
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श्रीकृष्ण को 2 चीजें सबसे ज्यादा प्रिय थीं. एक तो बांसुरी और दूसरी राधा. बांसुरी की मधुर धुन ही राधा को कृष्ण के करीब लाई थी.
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किंवदंती है कि राधा और कृष्ण पहली बार तब अलग हुए, जब मामा कंस ने कृष्ण और बलराम को मथुरा बुलाया. मथुरा जाने से पहले कृष्ण ने राधा से कहा था कि वे लौटेंगे. लेकिन ऐसा न हो सका.
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जब कृष्ण वृंदावन से जा रहे थे तब राधा ने उनसे कहा था कि वो दूर होने के बाद भी हमेशा उनके मन में रहेंगे. हालांकि कंस का वध करने के बाद कृष्ण द्वारका चले गए और द्वारकाधीश कहलाए.
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बाद में कृष्ण का विवाह रुक्मिणी से हो गया. इसलिए वृंदावन छोड़ने के बाद श्रीकृष्ण की लीला में राधा का जिक्र बहुत कम मिलता है.
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कहते हैं, जीवन के अंतिम समय में राधा श्रीकृष्ण से मिली थी और उन्होंने कृष्ण को बांसुरी बजाने के लिए भी कहा था. उनके जाने के बाद कृष्ण ने बांसुरी तोड़ दी और फिर कभी नहीं बजाई.
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